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Eight glories about Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीय वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाया जाता है। अक्षय मतलब कभी  न नष्ट होने वाला और तृतीय मतलब तीसरा दिन। यह दिन सर्व-सिद्ध दिनों में गिना जाता है, अर्थात यह सर्व मंगलमय दिवस है और इस दिन सभी मुहूर्त शुभ होते हैं। यह दिन अनेक विशेष घटनाओं का दिन है , जानने के लिए आगे पढ़िए ।

1. अक्षय तृतीय को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है । इस दिन ऋषि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र भगवान् परशुराम का अवतरण हुआ था । उन्होंने 21 बार पूरी पृथ्वी के दुष्ट राजाओं का संहार किया था ।

2. इस दिन गंगा देवी महाराज भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक पर पधारी थी । पृथ्वी पर आगमन से पहले वे कैलाश पर्वत पर विराजमान शिवजी के सिर पर उतरी और फिर अपना वेग कम करके पृथ्वी पर आई ।

3. श्रील वेदव्यास ने गणेशजी कि सहायता से महाभारत का संकलन प्रारंभ किया था। महाभारत में एक लाख श्लोक हैं और बिना किसी रुकावट के वेदव्यास महाभारत कहते गए और गणेशजी उसे लिखते गए । 

4. सूर्यदेव ने इस दिन ‘अक्षय पात्र’ महाराज युधिष्टिर को वनवास के दौरान भेंट किया था । इस पात्र से भोजन तब तक ख़तम नहीं होगा जब तक स्वयं द्रौपदी देवी न खा लें । 

. इस दिन देवी दुर्गा ने असुरों के राजा महिषासुर का वध किया था । उसने ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त किया था कि वह किसी पुरुष, देवता या त्रिमूर्ति (ब्रह्मा विष्णु महेश) के हाथों न मरे, केवल स्त्री के हाथों मरे ।

6. अक्षय तृतीय के दिन ही सुदामा अपने परम मित्र भगवान् कृष्ण से द्वारका में मिले और भगवान् कृष्ण ने उनकी मुट्ठीभर चावल की भेंट ग्रहण की । जैसे ही उन्होंने चावल खाए, पूरी सृष्टि तृप्त हो गई ।

7. अक्षय तृतीय का दिवस सत्ययुग के प्रारंभ को अंकित करता है – अर्थात सत्ययुग का प्रारंभ अक्षय तृतीय के दिवस से होगा ।

 

8. इस दिन से ही जगन्नाथ पूरी में वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए जगन्नाथ, बलदेव तथा सुभद्रा के रथों का निर्माण विधिवत तरीके से प्रारंभ होता है ।

Virupaksha Dasa

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Virupaksha Dasa, a dedicated missionary at the Hare Krishna Movement in Ahmedabad since 2005, passionately teaches the transformative wisdom of the Bhagavad-gita. As the secretary and head of the Krishna Ashray Department, he enthusiastically spreads the message of the Gita and Krishna Consciousness. With his deep understanding and unwavering commitment, Virupaksha Dasa guides individuals to apply the teachings of the Gita in their lives, fostering personal growth and spiritual development.